देव व प्राकृतिक स्थलों में देश के चारों दिशाओं से भ्रमण को पहुंचते हैं लोग
उज्जैन महाकालेश्वर और पचमढ़ी की यात्रा करके लौटे शहरवासी
धमतरी। शीतकालीन अवकाश में उज्जैन महाकालेश्वर, सिहोर पचमढ़ी की यात्रा करके धमतरी शहर के कुछ प्रबुध्द नागरिक शहर लौटे। इन तीर्थ स्थान पर भ्रमण करके पहुंचे लोगों ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि हमारा भारत वर्ष अनेकता में एकता का प्रतीक है। सभी जाति, धर्म को एकता के सूत्र में बांधने के लिए हमारे देव स्थल का अहम योगदान है। इन प्रमुख देव व प्राकृतिक स्थलों में देश के चारों दिशाओं से लोग भ्रमण को पहुंचते हैं।
सुनील सिन्हा ने बताया कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बनाया गया कारिडोर अद्भुत कारीगरी का नमूना है। यहां बनाए गए विभिन्न धार्मिक, पौराणिक पात्रों की मूर्तियों से हमें सहज ही कई प्रकार की ज्ञान की बातें पता चलती हैं। इसके अलावा यहां की गई सजावट लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। गृहिणी चमेली साहू ने बताया कि भेड़ाघाट धुआंधार जलप्रपात का आकर्षक नजारा देखते ही बनता है। यहां कल-कल बहता पानी लोगों को अपनी ओर खींचता है।
रुद्री निवासी देवेंद्र सिन्हा ने कहा कि पहाड़ी की ऊंचाई पर बसे पचमढ़ी की आबोहवा का कहना ही का। जिप्सी गाड़ी में बैठकर नौ किलोमीटर तक पहाड़ी की ऊंचाई तक घूमते घूमते हुए जाना और वापस आने का अहसास यहां वाहन में घूमकर ही हो सकता है। इन्हें शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मीना साहू, कुमारी साहू ने कहा कि महाकाल की नगरी का वैभव अपने आप में अद्भुत है। रानू सिन्हा, सुनीता सिन्हा ने कहा कि देवों के देव महादेव की विभिन्न ऐतिहासिक मूर्तिययों, शिवलिंग वगुफाओं का रहस्य आज तक बना हुआ है। यहां पहुंचकर आत्मिक शांति मिलती है। इसके अलावा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, विक्रमादित्य का सिंहासन, मां भुवनेश्वरी दर्शन, मंगल दर्शन, काल भैरव दर्शन, श्री कृष्णा बलराम सुदामा का गुरुकुल, भरथरी गुफा, मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी स्थान रामघाट एवं अनेक दर्शनीय स्थल का रोमांच देखते ही बना। इस यात्रा में प्रमुख रूप से देवेंद्र सिन्हा, डुमेश्वरी सिन्हा, आशीष कुमार साहू, चमेली साहू, डिलेश्वरी साहू, चिंतामणी साहू, संदीप पवार, दिशा पवार, मीना साहू, कुमारी साहू, रानू सिन्हा, सुनील सिन्हा, सुनीता सिन्हा, आस्था सिन्हा, भाव्या सिन्हा, सिध्दी सिन्हा, एवांश साहू, रितेश कुमार, दिशा सहित अन्य शामिल थे।